निवेदी जिसे पूर्व में परियोजना निदेशालय पशु रोग संवीक्षण एवं निगरानी (पीडी_एडमास) के रूप में भी जाना जाता है, का विभिन्न पशु महामारी की भविष्यवाणी और नियंत्रण पर सुझाव देने का लंबा सफल इतिहास रहा है। इस संस्थान की स्थापना भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) के नियमों के तहत की गई है।.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) जो की कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत कार्य करने वाला केन्द्रीय संगठन है, ने पशुरोगों की व्यापक जानकारी, इनके प्रसार का सामयिक और स्थानिक संबंध, रोग प्रसार के पूर्वानुमान और पूर्व चेतावनी तथा पशुओं को प्रभावित करने वाले विशिष्ट रोगों के लिए निवारक उपाय के लक्ष्य को ध्यान में रखकर अखिल भारतीय अनुसंधान परियोजना पशु रोग संवीक्षण एव निगरानी की स्थापना की।.
निदेशक की कलम से
प्रिय साथी अनुसंधान वैज्ञानिकों और पाठकों ,
निवेदी के नए वेब पोर्टल पर आप सभी को आमंत्रित करते हुए बहुत हर्ष हो रहा है। .
वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते प्रमुख पशु रोगों की पूर्व चेतावनी निगरानी प्रणाली की स्थापना, इसकी पूर्व तैयारी, जांच और सही प्रतिक्रिया संवेदनशील पशुओं में रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पूर्व-चेतावनी की गतिविधियों में मुख्य रूप से, रोगों की निगरानी, रिपोर्टिंग और भौगोलिक सूचना प्रणाली द्वारा समर्थित महामारी विश्लेषण जो कि पशुधन की आबादी, भूमि उपयोग / कवर, मौसम संबंधी डेटा, रिमोट सेन्सिंग डेटा आदि पर आधारित है का उपयोग होता है। प्रकोप के कारणो का पता लगाने में देरी, अपर्याप्त तैयारी और तुरंत प्रतिक्रिया मे कमी महामारी के प्रसार में वृद्दि कर देते है जिसके परिणाम स्वरूप अधिक मृत्यु दर तथा महामारी की एक स्थान से दूसरे स्थान, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं में फैलाने की इसकी क्षमता में वृद्धि होती है। राष्ट्रीय पशु रोग जानपदिक एवं सूचना विज्ञान संस्थान देश मे एक मात्र संस्थान है जो देश के पशुओं मे होने वाले रोगों के संवीक्षण एवं निगरानी पर कार्य कर रहा है। संस्थान के डाटा बैंक में क्षेत्रानुसार पशुओं की आबादी और उनके रोग का विवरण उपलब्ध है। संस्थान की विभिन्न इकाईया विभिन्न पशु रोगों के प्रकोप की भविष्यवाणी और पूर्व चेतावनी के माडल विकास पर कार्य कर रही है। हमारे वैज्ञानिक विभिन्न पशु रोगों का स्थानिक एवं सामयिक महामारी विज्ञान, स्थानीय एवं वैश्विक महामारी विज्ञान, आणविक महामारी विज्ञान पर शोध कर रहे है जो कि यहां पशु रोगों को नियंत्रित करने के लिए रणनीति तैयार करने में अत्यंत महत्व हैं। संस्थान ने गर्भपात करने वाले विभिन्न पशु रोगों से होने वाले आर्थिक नुकसान का आकलन करने के लिए स्प्रेडशीट मॉड्यूल विकसित किया है।
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